अनार उत्पादकों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से मिला

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जालना  महाराष्ट्र में अनार किसानों की समस्याओं को लेकर अखिल महाराष्ट्र अनार उत्पादक संघ पुणे के सचिव प्रो. सुयोग कुलकर्णी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने छत्रपति संभाजीनगर में कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से मुलाकात की और अपनी शिकायतें व्यक्त कीं और एक बयान दिया।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में अनार की खेती का रकबा करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर है.
महाराष्ट्र के कुल अनार उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत बांग्लादेश को निर्यात किया जाता है। हाल ही में बांग्लादेश ने अनार के आयात पर आयात शुल्क करीब 110 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा दिया है. इसलिए, अनार के उत्पादन में गिरावट के बावजूद कीमतों में बड़ी गिरावट आई। इससे अनार किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, यह मामला कृषि मंत्री के संज्ञान में लाया गया.
पिछले साल महाराष्ट्र से 90 हजार मीट्रिक टन अनार का निर्यात हुआ था. जिसमें से 18 हजार टन निर्यात का रिकॉर्ड महाराष्ट्र के नाम दर्ज हुआ. इसका मुख्य कारण स्थानीय व्यापारी थे जो अनार खरीदते थे। हमारे अनार दूसरे देशों (यूरोपीय देशों, अरब देशों) में भी निर्यात किये जाते हैं। अमेरिका, कनाडा जैसे कुछ देश भी अनार खरीदने को तैयार हैं। हाल ही में प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र से अमेरिका तक 150 किलो अनार भेजे गए हैं. निर्यात तो हुआ है लेकिन दोनों देशों के बीच दूरी अधिक होने के कारण निर्यात के लिए परिवहन की समस्या आ रही है। सरकार को महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर और जालना में नियोजित ड्राईपोर्ट पर महाराष्ट्र से बांग्लादेश को निर्यात किए जाने वाले अनार के लिए परिवहन की सुविधा प्रदान करनी चाहिए और अन्य शुल्क जैसे सीमा शुल्क और फाइटोसैनिटरी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए; जिससे अनार किसानों को फायदा होगा. अनार उत्पादकों को फसल कवर पर सब्सिडी देने की जरूरत है। अत: अनार की गुणवत्ता में सुधार होने से निर्यात बढ़ेगा। इस समय मांग की गई कि अनार नेट एवं ग्लोबल गेम के पंजीकरण को प्रोत्साहित कर गतिविधियां संचालित की जाएं एवं सब्सिडी दी जाए तथा यह भी अनुरोध किया गया कि उपरोक्त मांगों के लिए केंद्र सरकार की मदद से कोई रास्ता निकाला जाए।
इस अवसर पर डाॅ. सुयोग कुलकर्णी, शिवाजी घावटे, पांडुरंग वाघ साहेबराव पाटिल, जगन्नाथ वाघ शरद रोडे, अफसर शेख, भरत ढिखी, गणेश गिरी, नारायण ढिखी, योगेश शिंदे, गणेश शेलके, बालासाहेब भेरे, सूर्यभान माटे, बालासाहेब भोसले, नंदकिशोर सालुंके आदि अनार की उपस्थिति किसान थे