विधायक वजाहत मिर्झा के समक्ष मुस्लिम नुमाइंदगी की मांग रखी गई

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जालना: महाराष्ट्र कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष तथा वक्फ महामंडल के चेयरमैन डॉ वजाहत मिर्झा के जालना दौरे पर गुरुवार की दोपहर को कांग्रेस शहर अध्यक्ष शेख महमूद के निवास स्थान पर आयोजित जोहराना(भोजन) के दौरान रजा अकादमी की मराठवाडा अध्यक्ष जमील मौलाना ने उनसे मुलाकात कर जालना में विधायक और नगराध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर मुस्लिम नुमाइंदगी का मुद्दा उठाया जिसको लेकर शहर में राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई.
इस समय विधायक डॉ वजाहत मिर्झा को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया गया. इस समय कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजाभाऊ देशमुख,  कांग्रेस शहराध्यक्ष शेख महमूद, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष बदर चाऊस, वक्फ बोर्ड के सदस्य हसनैन शाकेर, गुलाम महेबूब,  मोहंमद जुलफिखारोद्दीन आदि उपस्थित थे.
जमील मौलाना ने डॉ मिर्झा को बताया की जालना शहर में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या एक लाख के पार हो चुकी है. इस समाज ने हमेशा पूरी ईमानदारी से कांग्रेस का खुल कर साथ दिया है. इसलिए अब कांग्रेस को चाहिए की वो विधायक और नगराध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर मुस्लिम नुमाइंदो को मौका दे. मुस्लिम उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी पूरा समाज लेगा.
इस पर डॉ वजाहत मिर्झा का कहना रहा की जालना में रनिंग विधायक कांग्रेस से ही है तथा अल्पसंख्याक समाज के हित में यहां पर काम भी काफी हो रहे है. इसलिए नगराध्यक्ष की मांग करनी चाहिए. इस पर मौलाना का कहना रहा की कांग्रेसी विधायक को जिताने में मुस्लिम समाज का बड़ा योगदान है. नुमाइंदगी की मांग करना संवैधानिक अधिकार है हम तो सांसद भी मुस्लिम चाहते है. उन्होंने यह भी कहा की यदि पार्टी के आला अधिकारी मुसलमानों के साथ सियासी इंसाफ करते है तो ये ७० साल में ऐसा पहला मौका होगा. मुस्लिम समाज अब अपने राजनीतिक अस्तित्व को लेकर गंभीर है. यदि कांग्रेस मांग पर गंभीर नहीं रहेगी तो आगामी काल में समाज को इसके बारे में गंभीरता से सोचना होगा.