मुंबई प्राकृतिक आपदाओं को रोकने के लिए, सरकार आपदा पूर्व पूर्वानुमान के लिए नवीन अवधारणाओं को लागू कर रही है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्देश दिया कि बाढ़ संभावित क्षेत्रों में उपाय करने, कोंकण के तटीय क्षेत्रों में बाढ़-रोधी तटबंध बनाने, भूस्खलन रोकने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग की जाने वाली आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री श्री. पवार की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में आयोजित बैठक में दरार निवारण एवं कटाव निरोधक कार्यों के संबंध में तकनीकी प्रस्तुतीकरण दिया गया। राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल, सांसद सुनील तटकरे, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन करीर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, उपमुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आशीष शर्मा, योजना विभाग के सचिव सौरभ विजय, राहत और पुनर्वास विभाग की सचिव सोनिया सेठी, पुणे.कलेक्टर डाॅ. इस अवसर पर ‘सिग्नेट’ के प्रतिनिधि राजेश देशमुख आदि उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री श्री. पवार ने कहा कि राज्य में विशेषकर कोंकण क्षेत्र, पहाड़ी इलाकों और प्रमुख नदी क्षेत्रों में आपदा रोकथाम के उपाय लागू किए जा रहे हैं. उसके लिए धनराशि उपलब्ध करायी गयी है. लोक निर्माण, जल संसाधन, जल संरक्षण विभाग के साथ आईआईटी के विशेषज्ञों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस संबंध में उपयोग की जाने वाली आधुनिक, नवीन तकनीकों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इसका उपयोग हमारे राज्य में कैसे किया जा सकता है, इस पर एक विद्वत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।