महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय शैक्षणिक, आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी बहुत पिछड़ा है। केंद्र सरकार द्वारा गठित कई आयोगों की सिफ़ारिशों में ऐसा स्पष्ट विचार व्यक्त किया गया है। इसी तरह कोर्ट ने अपनी राय जाहिर की है कि मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने पर कोई आपत्ति नहीं है. इससे पहले महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय ने उक्त मांगों को लेकर लाखों की संख्या में मार्च और विरोध प्रदर्शन किया था और इस सरकार और प्रशासन ने जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर दिया था. साथ ही महाराष्ट्र में मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की समस्या भी खड़ी हो गई है. इन सभी चीजों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने और मराठा आरक्षण आंदोलन का समर्थन करने के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के आरक्षण और सुरक्षा की मांग के लिए एल्गर को महाराष्ट्र राज्य में बुलाया जाएगा।
महाराष्ट्र में कई स्थानों पर मुसलमानों और अल्पसंख्यक समुदायों के पूजा स्थलों पर हमले, पवित्र कुरान शरीफ को जलाना, सांप्रदायिक चरमपंथी ताकतों द्वारा मॉब लिंचिंग बढ़ गई है और मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है। सरकार और प्रशासन द्वारा जानबूझकर ऐसी घटनाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है. पढ़े-लिखे मुस्लिम युवाओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। राज्य में कुछ लोगों द्वारा अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है और राज्य में सामाजिक सद्भाव और शांति को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। हाजी इरशाद भाई ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन समय रहते ऐसी आतंकवादी-उग्रवादी और सांप्रदायिक प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाए और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे और मुकदमे दर्ज करे.
अन्य समुदायों के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय में भूमिहीन-शोषित और आर्थिक रूप से कमजोर के मानदंड लागू करके मराठा समुदाय को आरक्षण देने में सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। हाजी इरशादभाई ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर मराठा आरक्षण में देरी कर राज्य के सामाजिक सौहार्द को खतरे में डाल रही है, जबकि किसी भी समुदाय का कोई विरोध नहीं है.
इस अवसर पर मुस्लिम जमात महाराष्ट्र के प्रदेश सचिव डाॅ. परवेज अशरफी, ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के अध्यक्ष याकूब शेख, अतर-मनियार युवा मंच के क्षेत्रीय अध्यक्ष वसीम मनियार, ट्रांसपोर्ट फोर्स के शिवनेर ड्राइवर मालिक राजू मोमिन, खालिद कुरेशी, ऑल इंडिया मुस्लिम ओबीसी के महासचिव इजाज चौधरी, तंटामुक्ति के उपाध्यक्ष इमरान मनियार, सूफी शरफुद्दीन पटेल, सूफी शब्बीर चौगुले और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।