शिक्षा के निगमीकरण से मनमाने क्षेत्रों से मुक्ति मिलेगी! मराठवाड़ा शिक्षक संघ का मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री को बयान!

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जालना – ठेकेदारों से अनुबंध के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने के 6 सितंबर, 2023 के सरकारी आदेश, क्योंकि यह शिक्षा का निगमीकरण करके मनमाने क्षेत्र खोलता है, शिक्षा को महंगा बनाता है और कमजोरों को शिक्षा से वंचित करता है, दमनकारी और खतरनाक आदेश की समीक्षा और रद्द करने की मांग की। मराठवाड़ा शिक्षक संघ के जिला सचिव ने बताया कि इसे एक बयान के माध्यम से शिक्षा मंत्री को सौंपा गया है.
इस संबंध में नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सरकार ने ठेकेदारों से शिक्षकों की भर्ती के लिए 06 सितंबर 2023 को शासनादेश जारी किया है. इस आदेश से सरकारी अर्धसरकारी सेवाओं में इंजीनियरों से लेकर सेवकों तक के 138 तरह के पद ठेकेदारों से भरे जायेंगे. इस सरकारी आदेश से शिक्षकों को ‘स्किल्ड मैनपावर’ और डी. में शामिल कर दिया गया है. बीएड, बीएड, टीईटी पास और तीन साल के अनुभव वाले शिक्षकों को 35 हजार रुपये और सहायक शिक्षकों को 25 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार शिक्षा की जिम्मेदारी से बच रही है, जो उक्त सरकारी आदेश में कल्याणकारी सरकार की अवधारणा को मंजूरी देती है. सरकार का यह आदेश शिक्षा को महंगा कर कमजोर वर्ग को शिक्षा से वंचित करने की योजना है। यह अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने वाले फुले-शाहू-अम्बेडकर की महान शैक्षिक विरासत का भी अपमान है।
यह सरकारी आदेश शिक्षकों को डराने वाला, सेवा सुरक्षा से वंचित करने वाला, शिक्षा का बाजारीकरण करने वाला और मनमानी के लिए मैदान खोलने वाला है। इस आदेश से शिक्षा की पवित्रता नष्ट हो जायेगी और शिक्षा मछली बाजार बन जायेगी। राजकुमार कदम ने एक बयान में कहा कि अप्रत्यक्ष तरीकों से शिक्षा का निजीकरण करने, शिक्षकों का कार्यकाल समाप्त करने और श्रमिक वर्ग की शिक्षा को खतरे में डालने वाले सरकारी आदेश के कारण सभी शिक्षा-प्रेमी नागरिकों के साथ-साथ सभी नागरिकों में गहरा असंतोष पैदा हुआ है। शिक्षा क्षेत्र में तत्व. मराठवाड़ा शिक्षक संघ के अध्यक्ष सूर्यकांत विश्वास राव, महासचिव राजकुमार कदम, उपाध्यक्ष ज्ञानोबा वरवटे, कोषाध्यक्ष ए. बी। औताडे, सदस्य प्रेमदास राठौड़, अरेफ कुरेशी, जिला अध्यक्ष रमेश अंधाले, सचिव संजय येलवंते, कोषाध्यक्ष नारायण मुंडे, उपाध्यक्ष भीमा शंकर शिंदे, जगन वाघमोड़े, कार्यकारी अध्यक्ष बाबासाहेब बिडवे, गणेश चव्हाण, प्रद्युम्न काकड़, शहर प्रतिनिधि एफवाई सैयद, महिला प्रतिनिधि ज्योति मगर पंगारकर, उषा माने इंगले, प्राचार्य हकीम पटेल, भगवान ढांगे, मार्गदर्शक प्रो. डॉ. मारुति तेगमपुरे, प्रो. डॉ. पुरूषोत्तम जून्ने, गौतम बनसोडे, प्रो. दत्ता देशमुख, विजयकुमार म्हस्के, प्राचार्य गजानन डोईफोडे, सदस्य दीपक शेरे, तुकाराम पडघन , चरण बटटेवार, अजय बरहाटे, अंबाद तालुका अध्यक्ष रमेश गढ़े, सचिव गणेश मेहेत्रे, आयोजक वैजीनाथ बोरुडे आदि।