जालना जिले में सूखा घोषित करें-शिवसेना का बयान
शिवसेना जिला प्रमुख भास्कर राव अम्बेकर आज 31 अगस्त को दिए गए निर्देशों के अनुसार जालना जिले में सभी
तालुका स्तर पर तहसीलदारों से मांगों को लेकर शिवसेना का बयान (उद्धव बालासाहेब) (ठाकरे) पार्टी प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिया गया। जालना तालुका का एक प्रतिनिधिमंडल कलक्ट्रेट में रहा डिप्टी कलेक्टर केशव नेटके से मुलाकात करते शिवसेना जिला प्रमुख भास्कर राव अंबेकर, जिले में बने मौजूदा हालात जालना जिले में ख़रीफ़ फ़सलों के लिए सूखे की घोषणा बैंकों से लिए गए फसली ऋण माफ और 25,000 हेक्टेयर की सहायता किसानों को देने की पुरजोर मांग की। इस समय पूर्व जिला परिषद् अध्यक्ष अनिरुद्ध खोतकर, उपजिला प्रमुख मुरलीधर शेजुल, बाबूराव पवार, अशोक राव अघव, युवा सेना जिला युवा मजिस्ट्रेट शिवाजी शेजुल, तालुक प्रमुख हरिहर शिंदे, हरिभाऊ पोहेकर, पूर्व जी.पी. सदस्य बबनराव खरात, किसान सेना के मुरलीधर थेटे, उपतालुका प्रमुख सखाराम गिराम, प्रभाकर उगले उनकी मुख्य उपस्थिति रही। जिला प्रमुख भास्कर अम्बेकर की उपस्थिति में दी गई बयान में कहा गया है कि जालना जिले में पिछले तीन महीने से भारी बारिश के कारण किसानों की सोयाबीन, कपास, मूंग, तुअर, उड़द आदि फसलें बर्बाद हो गयीं। फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसानों को बुआई में जो भी खर्च करना पड़ता है ये तो बर्बाद हो गया. इसके अलावा मोसम्बी और अन्य फलों की फसलें भी बड़ी मात्रा में होती हैं एक रिसाव था. बारिश की कमी के कारण कई गांव और टांड्या बस्ती पर पानी डाल रहे हैं पानी की भारी कमी हो गई है. जिले में छोटे-बड़े सभी झीलों का जलस्तर नीचे तक पहुंच गया है. कुल मिलाकर इतना भयानक स्थिति उत्पन्न हो गई है। पानी की कमी के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाती है
फसल देखकर किसान सदमे में है। 2023 तक जिले में सूखा घोषित कर किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी
इस वर्ष खरीफ सीजन की बुआई के लिए जिले में 1,12998 रु 1000 करोड़ से अधिक की फसल किसानों ने विभिन्न बैंकों से ली है कर्ज तुरंत माफ किया जाए।इस विकट परिस्थिति में किसानों को सहारा देने के लिए 25 हजार प्रति हेक्टेयर और बागों के लिए 50 प्रति हेक्टेयर कृषक वर्ग को 1000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाये
आत्महत्या की ओर नहीं बढ़ेंगे. सरकारी नीति के अनुसार 21 दिन वर्षा ऐसे में फसल कंपनियों को किसानों को 25 फीसदी अग्रिम राशि का भुगतान करना होगा जी हां, दरअसल 75 दिनों से ज्यादा के बड़े अंतराल के कारण
बीमा कंपनियों को किसानों को तुरंत राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। अब भविष्य में पैदा होने वाली पानी और चारे की भीषण कमी के अनुरूप सभी उचित योजना बनाई जानी चाहिए। पिछले साल भारी बारिश हुई थी
सरकार को किसानों को बकाया सब्सिडी देनी चाहिए। नियमित ऋण भुगतान करना चाहिए महात्मा फुले शेतकारी ऋण राहत योजना के तहत किसानों के लिए प्रोत्साहन 50 हजार रुपये की सब्सिडी तत्काल दी जाए। सूखा घोषित करके
किसानों से बैंक, बिजली बिल व अन्य वसूली बंद की जाए। ग्रामीण क्षेत्र में किसानों और मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार गारंटी योजना कार्य प्रारंभ किया जाए।जिला प्रशासन द्वारा वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट भी दी जाए
इसे शासन को सौंपा जाए और जिले के किसानों को न्याय दिलाया जाए एक बयान के जरिए यह मांग भी की गई है.
इस बार आयोजक उद्धव भूटेकर, अशोक खालसे, बाबूराव कायंदे, प्रभाकर घडालिंग, बबन मिसाल, गंगुताई वानखेड़े, शंकर जाधव, सुरेश वाघमारे, राजेश जाधव, जनार्दन गिराम, राजू जाधव, परमेश्वर डोंगरे, आमेर शेख, मौली गोरे, गणेश राठौड़, संतोष खरात, देशमुख, शेवाले, प्रभाकर खरात, संदीप गोरे, दिनकर चोरमारे, उत्तम कल्हापुरे, दिलीप डोंगरे, भागवत गिराम आदि उपस्थित थे।