2005 में जालना जिले में जब भर्ती हुए पुलिस अधिकारी एक साथ इकट्ठा होते हैं और स्नेहमिलन मनाते हैं… हम हमेशा पुलिस द्वारा वीआईपी, वीवीआईपी व्यवस्था, चौक में यातायात विनियमन – पुलिस, रात्रि सुरक्षा – पुलिस, कार्यक्रम व्यवस्था – पुलिस, कानून और देखते हैं। सुरक्षा रखरखाव पुलिस, उग्रवादी आए – पुलिस, डकैती हुई – पुलिस, आग लगी – पुलिस, दंगा हुआ – पुलिस, दुर्घटना हुई – पुलिस आपदा हुई ऐसे तमाम मामलों से उबरते हुए वर्ष 2005 में विभिन्न गांवों से पुलिस भर्ती के लिए आये. विभिन्न तालुकाओं में और तत्कालीन माननीय। पुलिस अधीक्षक श्री राव साहब के ईमानदार प्रयासों के कारण, आज 30 पुलिस कांस्टेबलों को पुलिस बल में भर्ती किया गया, जिनमें से छह हैं। वे सभी जो वर्धा, भंडारा, परभणी से पुलिस निरीक्षक, पुलिस उप निरीक्षक, पुलिस कांस्टेबल के रूप में विभिन्न स्थानों पर ड्यूटी पर हैं। हिंगोली, नासिक, अमरावती से लेकर जालना तक आये
जालना जिला वर्ष 2005 बैच “दोस्ती के लिए, अपने लिए भाइयों के लिए एक साथ मिलें 18 साल बाद एक साथ मनाया गया।
गजानन चेके एपीआई, हर्षल नागरकर पीएसआई, बाबू मुंढे पीएसआई, साधन तेलांगरे, विजय दिक्कर, जगदीश बावने, रुस्तम जयवाल, कृष्णा तांगे, अंबादास साबले, दत्ता वाघुंडे, संजय बारले, संदीप उगले, नंदू काले, विनायक पाटिल, गणेश हिरेकर, रामेश्वर शिंकर , पुलिस अधिकारियों के साथ नंदकिशोर कामे, प्रभाकर वाघ, दत्ता मेहेन, जोहरसिग, अंकुश शेलके, अनिल जाधव, सुरेश जाधव, राहुल राऊत, राहुल ग्वालबंसी और अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।