भारतीय जनता पार्टी जालना द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस शहीद स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों को श्रद्धांजलि

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आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आज 14 अगस्त को प्रतिनिधि-वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी जनार्दन मामा चौक पर विभाजन विभीषिका स्मरणोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, भाजपा जिला उपाध्यक्ष और जालना विधानसभा प्रमुख श्री भास्कर (आबा) दानवे पाटिल ने कहा कि 14 अगस्त, 1947 को हमारे पवित्र भारत का विभाजन हुआ और देश पूर्वी पाकिस्तान, पश्चिमी पाकिस्तान और भारत में विभाजित हो गया। इस घटना में लाखों हिंदू नागरिक मारे गए, करोड़ों विस्थापित हुए, हजारों महिलाएं और लड़कियां मारी गईं। हमारे ग्रह को नहीं बचा सकते। करोड़ों लोगों ने अपने घर खो दिए, लाखों लोगों ने अपनी मातृभूमि में अपनी जान गंवा दी।
प्रोफेसर सुरेश कुलकर्णी केसपुरकर ने कहा कि 14 अगस्त देश के इतिहास में कभी न भूलने वाली तारीख है. आज ही के दिन 76 वर्ष पहले, कट्टरता के आगे घुटने टेकते हुए विभाजनकारी नीति के बल पर हमारी भारत भूमि का विभाजन किया गया था, जिसका परिणाम लाखों लोगों को भुगतना पड़ा और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। भविष्य में समाज में ऐसे किसी भी विभाजन के बीज दोबारा न पड़ें, इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 14 अगस्त को विभाजन स्मृति दिवस घोषित किया था.
इस अवसर पर क्षेत्र के नागरिकों के साथ मौन जुलूस निकाला गया और शहीद हुए आजादी के वीरों को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। भारत माता की तस्वीर की पूजा की गई। पवित्र की साक्षी में अखंड हिंदुस्तान की शपथ और पंचप्राण शपथ ली गई। भारत माता की भूमि और देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। माननीय. भाजपा जिला अध्यक्ष बद्रीनाथ पथाडे ने मेरी माटी मेरा देश, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस एवं हर घर तिरंगा अभियान एवं श्रीमती के संबंध में ज्ञानवर्धक मार्गदर्शन दिया। भावना सिद्धिविनायक मुले द्वारा वंदे मातरम् का गायन किया गया, सामूहिक राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं जालना विधानसभा प्रमुख भास्कर दानवे, भाजपा जिला अध्यक्ष बद्रीनाथ पठाडे, शहर अध्यक्ष राजेश राऊत, अशोक पांगरकर, अतीक खान, श्रीमती संध्याताई देठे, सिद्धिविनायक मुले, बाबूराव खरात, अनिलराव कोलटे, सिद्धेश्वर हस्बे, सतीश जाधव , धनराज कबलिये, सुहास मुंढे, भागवत बावने, कपिल दहेकर, वीरेंद्र धोका, सोपान पेंढारकर, शारदा काले, वंदना ढगे सहित पदाधिकारी, कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।