साइबर और वित्तीय अपराध को हराने के लिए हमेशा तैयार रहें – उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस

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नासिक – नासिक की पुलिस प्रशिक्षण प्रबोधिनी देश में एक उज्ज्वल प्रतिष्ठा वाली प्रबोधिनी है। उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण लेकर देश सेवा के लिए आने वाले पुलिस उपनिरीक्षकों से अपील की है कि साइबर और वित्तीय अपराध की चुनौतियां हैं, इसलिए वे इस अपराध को हराने के लिए हमेशा तैयार रहें।

उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस आज महाराष्ट्र पुलिस प्रबोधिनी प्रशिक्षु पुलिस उपनिरीक्षक सत्र क्रमांक 122 के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य के सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक गतिविधियां) मंत्री और जिले के पालक मंत्री दादाजी भुसे, विधायक देवयानी फरंडे, सीमा हिरे, डॉ. राहुल अहेर, राहुल ढिकले, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेश वटकर, अर्चना त्यागी, महाराष्ट्र पुलिस निदेशक प्रबोधिनी राजेश कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा, आने वाला समय चुनौतियों से भरा है और इस प्रशिक्षण प्रबोधिनी से सड़क अपराध के साथ-साथ साइबर और वित्तीय अपराध से निपटने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा मिली है। इस प्रबोधिनी से ट्रेनिंग लेकर निकले पुलिसकर्मी देश की सेवा में अपना कर्तव्य निभाने में हमेशा आगे रहते हैं। जरूरी है कि हम अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और प्रतिष्ठा के साथ-साथ समाज के प्रति वफादार रहकर अपनी और देश की छवि को ऊंचा उठाने का प्रयास करें। हम लोगों की सेवा करने के लिए पुलिस बल में शामिल हुए हैं, अगर हम अनुशासन के साथ काम करते हुए अपनी संवेदनाओं को जीवित रखेंगे तो हम निश्चित रूप से कर्तव्य के साथ न्याय करेंगे। हमें समाज में गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने का अवसर मिला है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने भी कहा कि इस अवसर के माध्यम से जनता की प्रशंसा प्राप्त करना हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पदक होगा।

‘सद्राक्षणाय खाल्निग्रहणाय’ के आदर्श वाक्य के अनुसार समाज में अच्छी प्रवृत्तियों की रक्षा करना और बुरी प्रवृत्तियों को नष्ट करना हमारा प्राथमिक दायित्व है। भारत के संविधान ने हम सभी को समान दर्जा दिया है और कर्तव्यों का पालन करते समय किसी भी प्रलोभन में आए बिना भारत के संविधान द्वारा ली गई शपथ को पूरा करने को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने यह भी अपील की कि आधुनिक तकनीक अपनाकर साइबर और वित्तीय अपराधों को हराने के लिए तैयार रहें।

पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि प्रशिक्षु आज अपना प्रशिक्षण पूरा कर पुलिस सेवा में शामिल होंगे। समाज के वंचित एवं शोषित वर्ग को समान न्याय एवं सुरक्षा प्रदान करना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमें अवैध रेत खनन, नशीले पदार्थों जैसे असामाजिक अपराध पर अंकुश लगाने की जरूरत है। इसी प्रकार नागरिकों के प्रति हमारा व्यवहार सात्विक होना चाहिए। अपराध की जांच कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किए जाने की उम्मीद है। पुलिस महानिदेशक ने कहा.

प्रशिक्षु पुलिस उपनिरीक्षक सत्र सं. 122 (डायरेक्ट सर्विस) का प्रशिक्षण सत्र 1 अगस्त, 2022 से शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण में महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से चयनित 349 पुरुष और 145 महिला प्रशिक्षु शामिल हैं और 1 प्रशिक्षु गोवा राज्य से है। कुल 494 पुलिस उप-निरीक्षकों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। इन प्रशिक्षुओं में से 88% स्नातक और 12% स्नातकोत्तर हैं, जिन्हें सभी प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है। यह जानकारी महाराष्ट्र पुलिस की निदेशक प्रबोधिनी राजेश कुमार ने रिपोर्ट पढ़ते हुए दी.

 

संभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गामे, विशेष पुलिस महानिरीक्षक डाॅ. बी। जी। शेखर पाटिल, नासिक नगर आयुक्त डॉ. अशोक करंजकर, पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे, कलेक्टर जलज शर्मा, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशिमा मित्तल, जिला पुलिस अधीक्षक शाहजी उमाप सहित पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और प्रशिक्षुओं के परिवार बड़ी संख्या में उपस्थित थे।