पंढरपुर डिंडी में भाग लेने वाले वारकरों के लिए ‘विठ्ठल रखुमई वारकरी बीमा छत्र योजना’; सरकार का फैसला जारी

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मुंबई :– महाराष्ट्र के आराध्य देवता श्री विठ्ठल की पंढरपुर की वारी में प्रतिवर्ष लगभग 15 से 20 लाख वारकरी भाग लेते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पंढरपुर डिंडी में भाग लेने वाले वारकरों की बीमारी, दुर्घटना या मृत्यु के मामले में संबंधित को राहत प्रदान करने के लिए ‘विठ्ठल रखुमाई वारकरी बीमा छात्र योजना’ शुरू करने का फैसला किया। इस योजना के माध्यम से बीमा छतरी प्रदान की जाएगी।

इस निर्णय के अनुसार ‘विट्ठल रखुमाई वारकरी बीमा छात्र योजना’ के बीमा प्रीमियम का क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं भुगतान शासन के राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा किया जायेगा। इस संबंध में वित्त विभाग ने आज शासनादेश जारी किया है।

बीमा योजना की प्रकृति

विठ्ठल रखुमई वारकरी बीमा छात्र योजना के तहत यदि किसी वारकरी की डिंडी के दौरान दुर्घटना/दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके प्रत्येक वारिस को सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी।

साथ ही निजी क्षेत्र की बीमा कंपनी के सहयोग से बीमा योजना लागू की जाएगी। अवधि के दौरान दुर्घटना के कारण स्थायी अपंगता की स्थिति में बीमा कंपनी प्रति व्यक्ति बीमा राशि प्रदान करेगी। दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनों आंखें, एक हाथ/पैर और एक आंख खराब होने पर एक लाख रुपये और एक हाथ, एक पैर या एक आंख खराब होने पर 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।

बीमा कंपनी चिकित्सा उपचार या वास्तविक चिकित्सा व्यय, जो भी कम हो, के लिए प्रत्येक को 35,000 रुपये प्रदान करेगी।

इस बीमा योजना से जुड़े नियम, शर्तें और अन्य प्रावधानों का जिक्र सरकार के फैसले में किया गया है।

वित्त विभाग द्वारा जारी शासनादेश में उल्लेख किया गया है कि इस बीमा योजना के संबंध में आवश्यकतानुसार बीमा निदेशालय से परामर्श किया जायेगा।