अमृत ​​की नदियों को प्रवाहित करना सबकी जिम्मेदारी है; अभियान को सफल बनाने के लिए आइए नदी को जानें। राजेंद्र सिंह राणा की अपील

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सांगली- राज्य सरकार ने चला जानूया नादिला अभियान में अच्छा स्टैंड लिया है। इस अभियान के माध्यम से सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं कि नदियों को अमृत धारा बनाएं और अभियान को सफल बनाएं आइए जानते हैं नदी को। राजेन्द्र सिंह राणा।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिला कलेक्टर कार्यालय के जिला योजना समिति के सभागार में छला जानुआ नडीला अभियान का आयोजन किया गया. समीक्षा बैठक राजेंद्र सिंह राणा की उपस्थिति में संपन्न हुई। अपर कलेक्टर डॉ. स्वाति देशमुख, रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर विजयसिंह पाटिल, डिप्टी कलेक्टर दीपक शिंदे, सहायक वन संरक्षक अजीत सजने, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता ज्योति देवकर, महाराष्ट्र राज्य जल बिरादरी के अध्यक्ष नरेंद्र चुग सहित जिला और तालुक स्तर के सिस्टम के मुख्य अधिकारी और राज्य के सदस्य चल जानुया नदीला अभियान की स्तरीय समिति एवं नदी समन्वयक उपस्थित थे

डॉ। राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर चलाए जा रहा है, चला जांऊ नदी अभियान को प्राथमिकता दी है। राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी पहल को बहुत गंभीरता से ले रही है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि व्यवस्था को इस अभियान की सफलता के लिए स्वयं को समर्पित करना चाहिए। नदी के अमृत को प्रवाहित करने के लिए नदी का वास्तविक रोग क्या है, प्रदूषण किन कारणों से होता है, संबंधित तंत्रों को एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए।

हमने नदी की तुलना मां से की है लेकिन हम उससे गलत तरीके से निपट रहे हैं, इस स्थिति को बदलने के लिए उम्मीद है कि ग्रामीण स्तर पर जन-जागरूकता बढ़ाकर नदी को अमृत धारा बनाने में ग्रामीणों की भागीदारी होगी। राणा ने व्यक्त किया। जिले में पायनियर नदी का कार्य नदी को स्वच्छ व अमृत नाला बनाने का उत्कृष्ट कार्य है। केंद्र सरकार ने इस काम के लिए पुरस्कार देकर इसमें काम करने वालों का उत्साह बढ़ाया है। उन्होंने नदी की सफाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाली टीम को बधाई दी।

अपर उपजिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि सभी व्यवस्थाओं के पदाधिकारी लेट्स नो रिवर अभियान में जनभागीदारी बढ़ाकर जिले में अभियान को सफल बनाने के लिए लगन से कार्य करें। स्वाति देशमुख ने दिया। अभियान में एक सिपाही के रूप में सरकारी अधिकारियों को अभियान के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्य करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियां की जानी चाहिए।

श्री। चुघ ने चला जानुया नदी को अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस अभियान को शासन स्तर से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। उन्होंने कहा, जल साक्षरता के अभाव में नदियां प्रदूषित हो गई हैं। उन्होंने इस अभियान के माध्यम से ग्राम स्तर पर जनजागरण कर नदियों को अमृत धारा बनाने की अपील की।

आइए नदी को जानें, लोग इस अभियान में भागीदार बनें, नदी की समस्याओं को समझें और समाधान सुझाएं। इसके लिए हर नदी की यात्रा करनी चाहिए। उप जिलाधिकारी दीपक शिंदे ने कहा कि 13 जून से यह अभियान चलाया जाए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि चला जानोया अभियान में सांगली जिले में उत्कृष्ट कार्य किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि चला जानुआ अभियान में जिले की सात नदियों यथा जिले की पाणिजी, येराला, मनगंगा, कृष्णा, तेलगंगा, महाकाली एवं कोर्डा को शामिल किया गया है तथा इसके लिए नदीवार केन्द्रीय अधिकारी एवं नदी समन्वयक नियुक्त किये गये हैं. नियुक्त किया गया। बैठक में नदी समन्वयक ने चिंता व्यक्त करते हुए अभियान की सफलता के लिए आवश्यक सुझाव दिए।