जालना – व्यसन के दुष्परिणाम बहुत बुरे होते हैं, इसलिए किसी को भी व्यसन नहीं करना चाहिए। कलेक्टर डॉ. अपील करते हैं कि हमारे जालना जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए सभी पहल करें. संचालन विजय राठौड़ ने किया।
सामाजिक न्याय विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एवं कलेक्टर कार्यालय द्वारा आयोजित “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” अभियान का शुभारंभ आज कलेक्टर कार्यालय के सभागार में कलेक्टर द्वारा किया गया. इस मौके पर अपर समाहर्ता अंकुश पिनाटे, रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर केशव नेटके, सहायक आयुक्त समाज कल्याण दत्तात्रेय वाघ, समाज कल्याण अधिकारी डाॅ. डी.एस. कांबले, जिला लोक अभियोजक बालासाहेब इंगले, नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के जिला समन्वयक बी.एस. सैयद, तेजस जनविकास संस्थान के अध्यक्ष शिवाजी ताइदे, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एकनाथ राउत आदि विभागाध्यक्ष, कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों ने नशा नहीं करने की शपथ ली।
कलेक्टर ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए व्यसनों से दूर रहना अति आवश्यक है। नशा मुक्त समाज के लिए सभी को पहल करने की जरूरत है। हमारे जालना जिले में “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी के बारे में पता होना चाहिए और प्रभावी ढंग से नशामुक्ति के लिए जागरूकता पैदा करनी चाहिए। भावी पीढ़ी को व्यसनों से दूर रखने के लिए विद्यार्थियों को अभी से नशे के हानिकारक दुष्प्रभावों की जानकारी दी जानी चाहिए। व्यसन कितना बुरा है? यह बात उनके मन में उतार देनी चाहिए। शिक्षा विभाग को इसके लिए पहल करनी चाहिए और नशामुक्ति के लिए इस पखवाड़े में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए। समाज कल्याण विभाग व्याख्यान, पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन करे। नशामुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग परामर्श कार्यशाला आयोजित करे। मास मीडिया को भी नशे के खिलाफ खूब प्रचार करना चाहिए। कलेक्टर ने सभी से नशे की इस जंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील भी की।
परिचय में मि. वाघ ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य दुरुपयोग दिवस (26 जून) के अवसर पर 12 से 26 जून 2023 तक “नशा मुक्त भारत मिशन” के तहत जालना जिले में विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित किया जाएगा। इनमें महिला समूहों, युवा समूहों, स्थानीय स्वैच्छिक संगठनों, सहायता प्राप्त संगठनों, कॉलेजों, माध्यमिक विद्यालयों, प्राथमिक विद्यालयों, विकलांगों की भागीदारी के साथ जागरूकता अभियान, रैलियाँ, सेमिनार, कार्यशालाएँ, प्रतिज्ञाएँ, नुक्कड़ नाटक, एकांकी नाटक, पोस्टर, नारे शामिल हैं। संस्थाओं, आश्रम शालाओं, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय कार्यकर्ताओं आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा।
नरशबंदी बोर्ड के जिला समन्वयक बी.एस. सैयद ने कहा कि नशाबंदी मंडल पिछले 57 सालों से महाराष्ट्र में नशाबंदी के खिलाफ अभियान, प्रचार-प्रसार और लोगों को शिक्षित कर रहा है. बोर्ड का मुख्य लक्ष्य परिवर्तन के माध्यम से नशा मुक्त समाज बनाना है। मुँह की मैल, बदन की बीमारी मेरी – स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की वजह से..! चरस, अफीम, भांग, गांजा! बर्बाद कर देंगे जिंदगी का मजा..! यह बोर्ड की टैगलाइन है। नशा मुक्त भारत पखवाड़े’ अभियान में सभी को भाग लेना चाहिए और नशे के खिलाफ जन जागरूकता पैदा करनी चाहिए।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नशामुक्ति पर विभिन्न पोस्टर का विमोचन किया गया। अंत में सभी ने नशा नहीं करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन राजकीय आवासीय विद्यालय के प्राचार्य ने किया। दिलीप गिरी। डी.एस. कांबले ने धन्यवाद ज्ञापित किया।