जालना – कन्हैयानगर, रामनगर, नूतनवासहाट जैसी कई कॉलोनियां हैं जहां रहने वाले लोगों के पास संपत्ति कार्ड नहीं हैं और उनकी आय के संबंध में नोटरी बॉन्ड पर लेनदेन किया जाता है और लोगों के पास घर होने पर भी उन्हें ऋण नहीं मिलता है, इसलिए वे अवैध रूप से लेते हैं अवैध साहूकारों से कर्ज लेकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं। इसलिए इन सभी लोगों को नगर निगम के समक्ष पीआर कार्ड देना जरूरी है। इसी तरह छोटे भूखंड जिनके संबंध में राजस्व विभाग की गलती के कारण पहले ही क्रय-विक्रय का लेन-देन हो चुका है और लोग उसका आनंद ले रहे हैं और कर भी चुका रहे हैं। हालांकि, दूसरा निबंधक इस आधार पर दस्तावेजों को पंजीकृत नहीं करता है कि गुंठेवारी पद्धति से खरीद बंद कर दी गई है और ये लोग जिन्होंने अपनी जीवन भर की कमाई से उक्त भूखंड खरीदे हैं, वे अवैध रूप से नोटरी या पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर आय का सौदा कर रहे हैं। जिससे सरकार का राजस्व भी डूब रहा है और भविष्य में दावों का दबाव भी बढ़ेगा। अतः इन सभी भूखण्डों अर्थात् गुन्तेवारी भूखण्डों के सम्बन्ध में परिपत्र जारी कर सर्वेक्षण कराकर नियमित किया जाय तथा इस सम्बन्ध में लेन-देन प्रारम्भ किया जाय। महेश धन्नावत ने बयान दिया है। यदि ऐसा किया जाता है तो सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी और भविष्य में राजस्व को लेकर कोई विवाद नहीं होगा और भविष्य में कोई भी अवैध प्लॉटिंग नहीं करेगा।