शहर में उत्सवों के दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ.अक्षय शिंदे की भुमिका काबिल-ए-तारिफ : मुख्य संपादक: ख़ालेद कुरैशी

दशहरा और ईद-ए-मिलादुंनबी के मौके पर मिले और कड़ी सुरक्षा

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जालना : जालना शहर में सभी धर्मों के लोग मिल जुलकर रहते हैं. इसलिए सभी त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। जब इन त्योहारों को मनाया जाता है, तो भीड़ के कारण छोटे और बड़े अपराधों की उच्च संभावना होती है। चार माह पूर्व डॉ.अक्षय शिंदे के जिल्हा पुलिस अधिक्षक का पदभार संभालने के बाद से लगता है कि शहर में अपराधों पर अंकुश लगा है। पुलिस अधीक्षक अक्षय शिंदे के मार्गदर्शन में देखा जा रहा है कि जिल्हे के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. शहर और ग्रामीण पुलिस बल मे उत्साह का संचार हुआ है सभी पथको कि मुसतैदी से शहर और ज़िल्हे मे जनता के बिच संतुष्टी देखी जा सकती है हालांकि ऐसी नही है के जुर्म कि वारदाते खत्म हो चुकी है लेकीन लोगो में नये पुलिस अधिक्षक के काम कि चर्चा ज़रुर है

त्योहारों के दौरान बदमाश भीड़ का फायदा उठाकर छेड़छाड़, लूटपाट और जेबकतरी जैसे अपराध करते हैं। इसका ख़ामियाज़ा सभी आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है। इस से लोगों में भय का माहौल बन जाता है। नतीजतन, ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि कुछ दिन पहले शहर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान शहर काफी व्यस्त नज़र आया। लेकिन इस दौरान कोई अपराध की घटना नहीं हुई कुछ एक छुटपुट घटनाओं को छोड़कर, आजकल नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन शहर में लूटमार या छ़ेड़ख़ानी की कोई घटना अब तक तक तो नहीं हुई है. साथ ही शहर में पुलिस की अच्छी व्यवस्था नजर आ रही है.
आने वाले हफ्ते में शहर मे हिंदु समाज का महत्वपुर्ण त्योहार दशहरा है और वहीं दुसरी तरफ ईद-मिलादुंनबी के उपलक्ष में मुस्लीम समाज के लोगो मे उत्साह रहेगा, समाज का युवा वर्ग दशहरा और  जुलुस कि तैय्यारी मे रहेगा शहर के अलग अलग हिस्सों से जुलुस रवाना होंगे। इस दौरान भी हिंदु और मुस्लिम समुदाय के लोग मांग कर रहे हैं कि पुलिस अच्छी सुरक्षा रखे और उपद्रवियों को रोके. दशहरा मे रावण दहन और जुलुस के दौरान अंदर और बाहर से गड़बड़ी करने वाले समाजकंटको पर कड़ी नज़र रखी जानी चाहीये, मुस्लीम समाज में यह पर्व विशेष स्थान रखता है, इस्लाम धर्म के आख़री पैग़बर मोहम्मद साहब (स.अ.व) कि इस दुनिया में आमद कि ख़ुशी मे यह दिन मनाया जाता है, और इस दिन जुलुस निकालकर सामाजिक सौहाद्र बढ़ाने कि नियत से शहर में हर जगह हर चौक पर इस पर्व का उत्हाह नज़र आता है, तो वहीं दशहरे का पर्व ज़ुल्म पर इन्साफ कि जित का प्रतीक है, जिल्हे के पुलिस अधिक्षक डॉ.अक्षय शिंदे से मेरा अनुरोध है कि वे सामाजिक सौहाद्र के इन दौनो मौकों पर जुलुस और दशहरा में आनेवाले जन सैलाब को अच्छी तरह से पुलिस बंदोबस्त प्रदान करे और मौके का फायदा उठाकर शहर का माहौल बिगाड़ने वालों को पुलिस बल का रुद्रावतार दिखाये…

                                                     ख़ालेद कुरैशी
             मुख्य संपादक साप्ताहिक जालना एक्सप्रेस