जालना : 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे जायज ठहराने के लिए श्रम विभाग की ओर से तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कम उम्र में बाल मजदूरों को काम पर लगाने से उनके मूल अधिकारों का हनन होता है और उनका बचपन वंचित हो जाता है, इसलिए उनका शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है और इसके परिणामस्वरूप बाल मजदूर अपना व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन खो देते हैं और देश के विकास में बाधा बनते हैं। देश। चूंकि बाल श्रमिकों को बचपन की उम्र में काम करना पड़ता है, उन्हें उपेक्षित किया जाता है और शिक्षा से वंचित किया जाता है, बच्चों का बचपन में ही कार्यस्थल पर शोषण किया जाता है, इस प्रकार उनके बाल मन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जालना जिले के सभी कारखानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों, होटलों और अन्य संस्थानों को एतदद्वारा सूचित किया जाता है कि वे 14 से 18 वर्ष से कम आयु के बाल श्रमिकों को नियोजित न करें, यदि बाल श्रमिक कार्यरत हैं, तो नियोक्ता 6 के लिए उत्तरदायी होगा। कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकती है या जुर्माने से, जो न्यूनतम 20,000 रुपए और अधिकतम 50,000 रुपए तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। शासकीय श्रम अधिकारी ए. ने सभी संबंधितों से अपील की कि वे अपने प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों को नियोजित न करें अन्यथा उनके विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जायेगी. माननीय। जाधव ने एक घोषणा पत्र के जरिए यह किया है।