फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के मामले में अपराध दर्ज नहीं होने पर अमरन ने कलेक्टर कार्यालय के सामने किया अनशन – डॉ. मुरकूट

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जालना – जिले के जाफराबाद तालुक में कुछ कार्यकर्ताओं ने कृषि के फर्जी बांड पेपर पर जमीन खरीदकर या उधार देकर संबंधित जमीनों पर विवाद कर नए मालिकों से पैसे वसूलने का धंधा शुरू किया. कलेक्टर, संभागायुक्त के साथ-साथ मा. मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया गया। लेकिन एक माह के भीतर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। चिकित्सक योगेश मुर्कुटे ने चेतावनी दी कि अगर अगले आठ दिनों में संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ कलेक्टर कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर चले जायेंगे.वह आज जालना में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे. .
इस बार उन्होंने मीडिया के सामने तमाम तरह के सबूत पेश किए,
हमने अपनी कमाई से और निजी ऋण लेकर सावरगाँव म्हस्के तालुका जाफराबाद में समूह संख्या 152 में आयुर्वेदिक पौधों की खेती के लिए 1.96 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है। 14/12/2022 को खाता द्वारा खरीदा गया। तब तक इस फार्म को लेकर न तो किसी व्यक्ति ने कहीं शिकायत दर्ज कराई है और न ही मालिकाना हक का दावा किया है।
उक्त भूमि के अधिग्रहण के बाद से गणेश कुंडलिक म्हस्के, सुनील गणेश म्हस्के व गांव के अन्य लोग इस जमीन पर नजर रखे हुए थे और अभी भी इस जमीन पर नजर रखे हुए हैं. इसके लिए गणेश कुंडली म्हस्के, सुनील गणेश म्हस्के ने उन लोगों के खिलाफ साजिश रची, जिनसे मैंने जमीन खरीदी और औरंगाबाद के किसी व्यक्ति की मदद से फर्जी स्टांप पेपर बनवाया, जिसमें स्टांप पेपर नंबर YV994164 और स्टांप पेपर नंबर ZU 056690 पर जाली स्टांप लगे थे. कागज हैं।
सुनील गणेश म्हस्के की शिकायत पर निर्दोष व्यक्तियों (ए) और (बी) के खिलाफ राजनीतिक व्यक्ति द्वारा हस्तक्षेप और अवैध साजिश के लिए उक्त स्टाम्प पेपर का उपयोग करते हुए टेम्बुर्नी पुलिस स्टेशन में केस नंबर 76/23 दिनांक 06/04/2023 दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों की… इस शिकायत में (क) और (ख) साहूकारी का जिक्र है, लेकिन 14/03/2023 को सहायक रजिस्ट्रार जाफराबाद कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया है कि साहूकारी नहीं है. साथ ही मेरे खिलाफ अनुविभागीय अधिकारी भोकरदन का 59/23 और 60/23 सहित (क) और (ख) का दावा मेरे खिलाफ गणेश कुंडलिक म्हस्के और सुनील गणेश मसके, नंदकिशोर गणेश म्हस्के ने दर्ज कराया है. एवं मेरे नाम पर भूमि के हस्तांतरण को रद्द करने के लिए फर्जी एवं अपंजीकृत स्टाम्प पेपर के आधार पर भू-राजस्व अधिनियम, 1966 की धारा 247 के तहत अपील की गई है।
मैंने स्टैंप पेपर नंबर YV994164 खोजा है। सूचना का अधिकार अध्यादेश 2005 के अनुसार श्री वरिष्ठ कोषागार कार्यालय औरंगाबाद से दिनांक 27/04/2023 को प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त स्टाम्प पेपर प्रमोद एम. कुलकर्णी (लाइसेंसिंग नंबर 3101056 सिडको औरंगाबाद/संबाजीनगर) को 7/12/2021 को डिलीवर किया गया था और उक्त स्टांप पेपर 13/12/2021 को व्यक्ति सूर्यकांत रंगनाथ रत्नापारखे को वाहन अनुबंध के लिए व्यक्ति महेंद्र पाठक द्वारा 3 स्टांप पेपर की बिक्री है। जिनमें वाईवी 994164 स्टाम्प पेपर है। इसके बावजूद सावरगांव म्हस्के के एक व्यक्ति गणेश कुंडली म्हस्के व अन्य अज्ञात साथियों ने अपने नाम से उक्त स्टांप पेपर तैयार किया है. इसमें उन्होंने उक्त स्टाम्प पेपर में कृत्रिम रूप से निम्नानुसार 5 परिवर्तन किए।
(1) सरकार की ओर से स्टाम्प पेपर पर छपे स्टाम्प पेपर से वर्ष 2021 को हटा दिया गया है।
(2) 7SEP 2020 और (3) 16SEP 2020 स्टाम्प पेपर में जाली स्टाम्प।
(4) उक्त स्टाम्प पेपर पर सूर्यकांत रंगनाथ रत्नापारखी का नाम काट कर उसके स्थान पर गणेश कुण्डलीक मस्के लिख दिया गया और
(5) गणेश मस्के के रूप में हस्ताक्षर किए
अतः इस साक्ष्य से यह स्पष्ट होता है कि वर्ष 2021 में बेचा गया स्टाम्प पेपर गणेश कुण्डलीक म्हस्के द्वारा वर्ष 2020 का होने का ढोंग करने के लिए तैयार किया गया था और इस स्टाम्प पेपर का उपयोग टेम्बुर्नी पुलिस स्टेशन और उप न्यायालय में साक्ष्य के रूप में किया गया था। अनुमंडल पदाधिकारी भोकरदन ने आपराधिक साजिश रचने का संज्ञान लिया है
साथ ही स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056690 सुनील गणेश म्हस्के द्वारा 10/03/2022 को रिकॉर्ड पर मोहम्मद रायसुद्दीन से स्टाम्प विक्रेता लाइसेंस संख्या 3101075 के तहत प्राप्त किया गया प्रतीत होता है। परन्तु मूल अभिलेख का सत्यापन किया गया होगा तथा सूचना को सूचना का अधिकार अध्यादेश 2005 के अन्तर्गत निबंधन एवं स्टाम्प विभाग, औरंगाबाद से प्राप्त किया गया होगा। उक्त स्टाम्प पेपर बिक्री रजिस्टर में बड़ी गड़बड़ी पाई गई जिसमें डी.टी. स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056509 से ZU 056512 को 10/03/2022 को बेचे जाने के बाद, स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056690 और स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056691 दिन के अंत में बेचे गए। इसमें स्टाम्प पेपर क्रमांक संख्या में नहीं बेचा जाता है। साथ ही डी. 11/03/2022 को फिर से स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056513 से ZU 056522 तक बेचे गए और दिन के अंत में फिर से स्टाम्प पेपर संख्या ZU6056588 और ZU6056589 बेचे गए।

इसका मतलब है कि प्रत्येक दिन के अंत में 2-2 रिक्त स्थान स्टाम्प पेपर संख्या ZU 056690 और ZU 056691 (10/03/2022 को भरे गए) और स्टाम्प पेपर संख्या ZU6056588 और ZU6056589 (11/03/11 को भरे गए) में भरे जाते हैं। 2022) भरा गया है और चालू वर्ष में किया जाता है और पुराना दिनांकित स्टाम्प पेपर चालू वर्ष में लाया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि स्टाम्प पेपर इस तरह से बेचा नहीं जा सकता है, इसलिए उक्त स्टाम्प पेपर सुनील गणेश म्हस्के द्वारा नकली पंजीकरण के साथ लाया जाता है। यह एक है साथ ही अपराध 76/23 में अभियुक्त (ख) उक्त स्टाम्प पेपर पर अपने हस्ताक्षर विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित कराने के लिए लाया है तथा यह बताया गया है कि हस्ताक्षर नकली है। यह मारपीट कर डराने के लिए किया गया है पुलिस विभाग से कोई आर्थिक समझौता हुआ है या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है।
मैंने इस विषय पर विस्तृत शिकायत की है। 30/04/2023 को
माननीय। जिला पुलिस अधीक्षक मा. कलेक्टर जालना।
माननीय कलेक्टर औरंगाबाद, मा. राजस्व मंत्री महाराष्ट्र राज्य।
माननीय। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र राज्य, मा. उपमुख्यमंत्री महाराष्ट्र राज्य
मुख्य सचिव महाराष्ट्र राज्य। माननीय। मंडल पुलिस आयुक्त औरंगाबाद
माननीय पुलिस महानिदेशक महाराष्ट्र राज्य, माननीय। टेम्बर्नी/जाफराबाद/हसनाबाद पुलिस स्टेशन के प्रभारी पुलिस अधिकारी
माननीय। तहसीलदार भोकरदन/जाफराबाद
ईमेल द्वारा।
साथ ही डी. 26/05/2023 को मा. अनुमंडल पदाधिकारी भोकरदन से भी सीधे शिकायत की गई है।
इस पर माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय ने गृह वित्त विभाग एवं जालना कलेक्टर सहित विभिन्न कार्यालयों को मामले में कार्रवाई करने की सूचना दी है. लेकिन आज मेरे ध्यान में नहीं आया कि कहीं कानूनी कार्रवाई शुरू की गई हो।
मामले में किसी राजनीतिक व्यक्ति के हस्तक्षेप के कारण, भले ही उक्त बॉन्ड पेपर नकली प्रतीत होता है, एपीआई बालाजी वैद्य और भोकरदन डिवीजन के डीएसपी, जो एक दिन के लिए टेम्बुर्नी पुलिस स्टेशन आए थे, इंदल बहूरे ने जानबूझकर ज़ेरॉक्स स्टाम्प पेपर को जाना जिसमें साक्ष्य के रूप में सरकार द्वारा छपाई के वर्ष का उल्लेख नहीं किया गया है।सरकारी कार्यालय में फर्जी दस्तावेज दाखिल करने के कारण तथा उक्त गणेश कुण्डलीक म्हस्के एवं सुनील गणेश म्हस्के एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा मेरे खेत को जब्त करने के लिए अवैध बल दिये जाने के कारण आम जनता के लिए खतरा पैदा करने और मतगणना को रोकने के लिए सरकारी सेवा शर्तों के उल्लंघन के लिए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए थी और अब भी होनी चाहिए। ये सभी मुझे अपना जीवन खोने के लिए मजबूर कर रहे हैं और अपने स्वयं के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं, इस प्रकार इन पुलिस अधिकारियों और संबंधित षड्यंत्रकारियों से मेरी और मेरे परिवार की जान को खतरा है। जिसके लिए ये सभी संबंधित जिम्मेदार हैं। इसके लिए मैं अलग से पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दूंगा। मैं किसी भी मामले की निष्पक्ष जांच करने को तैयार हूं। लेकिन मुझे सदर सावरगांव म्हस्के के लोगों और राजनेताओं की मदद से पुलिस अधिकारियों द्वारा मेरी जमीन हड़पने की साजिश के खिलाफ शिकायत है। अतः आप अपने स्तर से जो उचित हो सरकार तक मेरा संदेश पहुंचाएं और स्पष्ट कर दें कि यदि कलेक्टर संबंधित व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज नहीं कराते हैं तो वह व उनका परिवार कलेक्टर कार्यालय के सामने आमरण अनशन करेगा.

फर्जी स्टाम्प पेपर बनाकर उस पर फर्जी प्रविष्टियां करने तथा सरकारी कार्यालय में इस फर्जी स्टांप पेपर का प्रयोग करने वालों तथा उक्त स्टाम्प पेपर विक्रेता मोहम्मद रईसुद्दीन ने उपरोक्त आपत्तिजनक स्टाम्प पेपर को किसे बेचा और किस उद्देश्य से उपयोग किया गया, उनके विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही की जाये. गत दस वर्षों में पुराने बाण्डों के आधार पर किये गये भूमि एवं अन्य सम्पत्तियों के लेन-देन की विभाग में गहन जाँच कराकर विधिक जाँच करायी जाय।

एपीआई बालाजी वैद्य और भोकरदन मंडल के डीएसपी यह जानते हुए भी कि उक्त स्टांप पेपर फर्जी है
इंदल बहुरे के साले की जांच की जानी चाहिए और उनकी जानकारी होने के बावजूद सरकारी कार्यालय में जानबूझकर फर्जी दस्तावेज जमा करने और उक्त वादी के साथ मिलीभगत करने और सरकारी सेवा शर्तों का उल्लंघन करने और जीवन को खतरे में डालने के लिए कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। में और मेरे परिवार।