नए श्रम नियमों के अनुसमर्थन से लाखों श्रमिकों को लाभ होता है

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केंद्र सरकार ने सभी 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 लेबर कोड तैयार किए हैं और आज ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस, 2020 नामक चौथे कोड को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। नए श्रम नियमों की मंजूरी ने लाखों श्रमिकों के हितों की रक्षा की है।

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों की संहिता को मंजूरी दे दी गई है। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं – 100 से अधिक श्रमिकों वाले कारखानों में अनिवार्य कैंटीन, 250 से अधिक श्रमिकों वाले कारखानों में कल्याण अधिकारी, 50 से अधिक श्रमिकों वाले कारखानों में नर्सिंग होम।

इससे पहले, राज्य मंत्रिमंडल ने कोड ऑन वेज, 2019, कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशंस, 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020 नामक 3 कोड के नियमों को मंजूरी दी थी।

केंद्र सरकार ने 1999 में पूर्व केंद्रीय श्रम मंत्री रवींद्र वर्मा की अध्यक्षता में दूसरा श्रम आयोग नियुक्त किया। इस आयोग ने सभी 29 श्रम कानूनों को मिलाकर इन 4 श्रम संहिताओं को तैयार करने की सिफारिश की थी। ये 4 संहिता अधिनियम संसद द्वारा पारित किए गए हैं।

चूंकि श्रम का विषय समवर्ती सूची में शामिल है, इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए एक समेकित संहिता तैयार की है। चूंकि सभी संहिताओं को सभी राज्यों में समान रूप से लागू किया जाना है, राज्यों को संबंधित संहिताओं के कार्यान्वयन के अनुसार नियम पारित करने की आवश्यकता है। तदनुसार, केंद्र सरकार ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता अधिनियम, 2020 को प्रख्यापित किया है।

अधिनियम राज्यों को उपयुक्त सरकारी व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति (श्रम) संहिता नियम बनाने का अधिकार देता है। तदनुसार, इस संहिता को अनुमोदित किया गया है।